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ओ साथी रे
दिल तूने तोड़ा है क्यों रे
मैं तन्हा तेरे बिन
ओ साथी रे
ख्वाबों में थी जो परछाईं
अब टूटे दिल की नम अंगड़ाई
क्यूं छुपा तू ज़िंदगी से
तेरी यादें हैं मेरी रातों में
आँखों में मुझे अब भी दिखे है
तेरा चेहरा जो बसा ख्वाबों में
तू था मेरा दिल का अंश
अब समझूं अकेलापन
तेरी आवाज़ गूंजे कानों में
तेरी तस्वीर धड़के धड़कनों में
हर लम्हा तुझसे ही जुड़ा हूँ
फिर भी रूह तड़पे तू जुदा हूँ
[Chorus]
सपनों का जहाँ, अब वीराना है
बिन तेरे दिल, कैसा दीवाना है
कभी थी शाम चाँदनी से हसीं
अब वीरानी का आलम छाया है
तेरी यादें बहती आँखों में
दिल अब तक तुझसे बेहलाया है
[Verse 2]
लहरों में बहे वो सपनें
जो हमने साथ सजाए थें
गुज़रे पल, वो मीठी बातें
तेरी मुस्कान, मेरी सौगातें
कैसे भूलूँ, वो प्यारी रातें
अब सिर्फ़ यादें, और ये बरसातें
[Chorus]
सपनों का जहाँ, अब वीराना है